मुख्य पशु चिकित्साधिकारी जीके सिंह ने बताया कि गोदामों की दो फैक्टरियों के संचालन से दूध की खपत में वृद्धि होगी। इससे स्थानीय पशुपालकों को फायदा होगा। पशुपालकों के लिए कई ऐसी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें अनुदान का प्रावधान है। अगर पशुपालक अबही से डेयरी का ध्यान देते हैं, तो आने वाले समय में इससे अच्छे परिणाम मिलेंगे PepsiCo Plant.
नमस्कार, इस लेख में हम आपको बताएँगे कि गोरखपुर जिले के गीडा में पेप्सिको के प्लांट का निर्माण कार्य फरवरी में पूरा हो जाएगा। इस प्लांट में साफ्ट ड्रिंक्स के साथ ही डेयरी प्रोडक्ट्स भी तैयार किए जाएंगे। इस डेयरी प्रोडक्ट्स के लिए लगभग ढाई लाख लीटर दूध प्रतिदिन का उत्पादन होगा। इसके निर्माण में करीब 1100 करोड़ रुपये का खर्च हो रहा है। प्लांट के शुरू होने से 1500 लोगों को प्रत्यक्ष और करीब 15 हजार लोगों को परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
हम आपको बताना चाहते हैं कि पेप्सिको का प्लांट गीडा में तैयार हो रहा है, जिसमें कुल 50 एकड़ क्षेत्र में काम हो रहा है। इस कंपनी के फ्रेंचाइजी व्यापारी वरुण बेबरेज के मालिक कमलेश जैन ने बताया है कि इस प्लांट में सॉफ्ट ड्रिंक्स के साथ-साथ फलों का रस, दूध, घी, दही, छाछ, आइसक्रीम, और अन्य डेयरी प्रोडक्ट भी उत्पादित किए जाएंगे।
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अनुमान है कि दूध आपूर्ति व अन्य कार्यों से जुड़कर करीब 10 हजार लोगों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रोजगार मिलेगा। प्लांट का निर्माण कार्य तेजी से कराया जा रहा है। फरवरी में निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। मार्च में प्लांट को चालू करने की तैयारी है।
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अब पूर्वांचल में रोजगार के बड़े साधन के रूप में डेयरी बनेगा
ज्ञान डेयरी और पेप्सिको की शुरुआत के साथ, गीडा में लगभग सात लाख लीटर दूध की रोज़ाना खपत होगी। वर्तमान में गोरखपुर जिले में केवल 50 हजार लीटर दूध उपलब्ध है। शेष दूध की आपूर्ति आस-पास के जिलों से की जाएगी। इसके लिए कंपनियों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है PepsiCo Plant.
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जैसा की मैंने आपको बताया है: पेप्सिको की फ्रेंचाइजी वरुण बेवरेज दूध की खरीद सरकारी एजेंसियों से करेगी। इस प्रकार, सहकारी दुग्ध विकास समिति लिमिटेड की उपयोगिता बढ़ जाएगी। साथ ही, ज्ञान डेयरी गोरखपुर-बस्ती मंडल के साथ-साथ जौनपुर और अंबेडकरनगर जिले से भी दूध की खरीद करेगी।
PepsiCo Plant पशुपालक बोले- नजदीक स्थित केंद्र
बैकुंठपुर सुभाष यादव ने कहा कि फैक्टरियाें के चलने से दूध की खपत बढ़ने की बात हो रही है, लेकिन अभी रेट, संचय केंद्र आदि की जानकारी नहीं मिली है। अगर नियमित नजदीक में दूध कलेक्शन सेंटर खुलेगा तो हमारे अलावा अन्य छोटे-छोटे दूधिए जो घूम-घूमकर दूध बेचते हैं, उनका भी फायदा होगा।
दूध निकलेगा तो पशु भी वृद्धि करेंगे।
बेलावा खुर्द पन्नेलाल यादव ने कहा कि वर्तमान में दूध की खपत कम है, इसलिए पशुपालकों को मुनाफा नहीं मिल रहा है। अगर कारख़ानों में दूध की मांग बढ़ेगी, तो पशुपालक भी पशुओं की संख्या बढ़ा सकते हैं। लेकिन इसके लिए हर क्षेत्र में एक दूध संग्रहण केंद्र खोलने की आवश्यकता है, ताकि वहाँ दूध आसानी से बेचा जा सके।
आज की इस आर्टिकल में उन युवाओ और भाइयो, बहनों को हादिक स्वागत करता हूँ: मुख्य पशु चिकित्साधिकारी जीके सिंह ने बताया कि गीडा में दो फैक्टरियों के संचालन से दूध की खपत बढ़ेगी। इससे स्थानीय पशुपालकों को फायदा होगा। कई ऐसी योजनाएं पशुपालकों के लिए संचालित की जा रही हैं, जिसमें अनुदान का भी प्रावधान है। वर्तमान में ही पशुपालक डेयरी पर ध्यान दें तो आने वाले समय में इससे अच्छे परिणाम मिलेंगे।
संक्षेप: इस लेख में मैंने सभी युवाओं के लिए एक सुखद समाचार साझा किया है: गीदा जिले में पेप्सिको का प्लांट फरवरी में पूरा हो जाएगा। इस प्लांट में सोडा पीने के साथ-साथ डेयरी उत्पाद भी बनाए जाएंगे।